यह भी एक मिसाल…इस राज्य में एक शख्स ने हाथियों के नाम लिख दी 5 करोड़ की संपत्ति

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पटना : समाचार ऑनलाइन – एक तरफ इंसान जानवरों के साथ ‘जानवर’ से भी गया गुजरा बर्ताव कर रहा है, तो दूसरी तरफ बेजुबानों के नाम अपना सब कुछ कुर्बान देने वालों की भी कमी नहीं है। हाल ही में केरल में हाथियों को मारने देने की घटना हुई थी, जो मानवता के नाम पर कलंक है। और बिहार में एक इंसान है, जिसने हाथियों के नाम अपनी पूरी संपत्ति कर दी है। हैसे ‘हिंसक’ लोगों के गाल पर यह कदम जोरदार तमाचा है।

दस्तावेज भी बनावा दिया : बिहार में दानापुर के जानीपुर के रहने वाले अख्तर इमाम ने अपने दो हाथियों को 5 करोड़ की जायदाद का मालिक बना दिया है। उन्होंने रजिस्ट्री ऑफिस जाकर दोनों हाथियों के नाम दस्तावेज भी बनवा दिए हैं। इमाम के मुताबिक, उनका बेटा गलत रास्त पर चला गया था, इसलिए उसे जायदाद से बेदखल कर आधी संपत्ति पत्नी और अपने हिस्सा की जायदाद हाथियों के नाम कर दी है। अख्तर इमाम का कहना है कि अगर हमें कुछ हो भी जाता है, सारी संपत्ति एरावत संस्था के नाम हो जाएगी, ताकि इन हाथियों का संरक्षण हो और इन्हें तस्करों से बचाया जा सके।

जान हाथियों ने ही बचाई थी : अख्तर इमाम के पास दो हाथी मोती और रानी हैं। अख्तर इमाम ने एरावत नामक संस्था भी बनाई है, जिसके मुख्य प्रबंधक वे खुद हैं। अख्तर इमाम बताते हैं कि एक बार पिस्तौल हाथ में लिए बदमाश जब हमारे कमरे की तरफ बढ़ने लगे, तो हाथी उसे देखकर चिंघाड़ने लगा। इसी बीच हमारी नींद खुल गई और हमने शोर मचाया तो बदमाश भाग निकले।

12 साल की उम्र से ही कर रहे हाथियों की सेवा : 50 वर्षीय अख्तर इमाम पिछले 10 साल से अपनी बीवी और बच्चे से अलग रह रहे हैं। वे बताते हैं कि वह 12 साल की उम्र से ही हाथियों की सेवा कर रहे हैं। पारिवारिक विवाद की वजह से 10 साल पहले उनकी पत्नी दो बेटे और बेटी के साथ घर से चली गई थी। उन्होंने अपने बड़े बेटे मेराज उर्फ रिंकू को गलत रास्ते पर जाते देख उसे जायदाद से बेदखल कर दिया है। इमाम ने बताया कि उन्होंने पत्नी के नाम आधी जायदाद लिख दी है और अपने हिस्से की लगभग 5 करोड़ रुपए की जायदाद, खेत-खलिहान, मकान, बैंक बैलेंस सभी दोनों हाथियों के नाम कर दिया है।

बेचे ने जेल भिजवा दिया था : जायदाद के चक्कर में उनके बेटे ने अपनी ही प्रेमिका के साथ दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाकर उन्हें जेल भी भिजवा दिया था। मगर जांच में यह बात गलत पाई गयी। अख्तर आरोप लगाते हैं कि मेरे बेटे मेराज ने पशु तस्करों से मिलकर हाथी बेचने की भी कोशिश की थी, लेकिन वह पकड़ा गया। इसलिए अब मैंने अपनी पूरी जायदाद हाथी के नाम कर दी है।

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