मुंबई में बत्ती गुल मामले की जांच के लिए समिति की तिगड़ी, एक गड़बड़ी की जांच के लिए तीन अलग-अलग समिति

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मुंबई, 28 अक्टूबर – दो सप्ताह पहले मुंबई में बत्ती गुल के बाद सभी सिस्टम में खलबली मच गई थी। अब इस गड़बड़ी की जिम्मेदारी निश्चित करने के लिए एक, दो नहीं बल्कि तीन अलग-अलग स्तर की जांच शुरू हुई है। जांच रिपोर्ट में दोष किस पर मढ़ा जाएगा, कौन रिपोर्ट के आधार पर आगे जाएंगे, आगे की जांच की दिशा क्या होगी ? जैसे कई सवाल खड़े हो गए है।
12 अक्टूबर को अचानक मुंबई की बिजली सेवा ठप हो गई थी । इसकी जांच के लिए वेस्टर्न रीजन के लोड डिस्पैच सेंटर के पीएसपीए अध्यक्ष गौतम रॉय की अध्यक्षता वाली समिति नियुक्त करने की घोषणा 20 अक्टूबर को की गई थी । इसे रिपोर्ट सबमिट करने के लिए अवधि नहीं दी गई।

इसके बाद 22 अक्टूबर को ऊर्जा विभाग ने आईआईटी मुंबई के इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रमुख प्रा. बी जी फर्नांडिस की अध्यक्षता में जांच समिति नियुक्त की गई। उन्हें सात दिन में जांच रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था। लेकिन इस मामले में राज्य बिजली नियामक आयोग ने खुद से याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई के दौरान 23 अक्टूबर को आयोग ने पूर्व सनदी अधिकारी डॉ. सुधीरकुमार गोयल की अध्यक्षता में तीसरी उच्च स्तरीय जांच समिति नियुक्त की है। उन्हें तीन महीने में जांच रिपोर्ट देनी है।

रिपोर्ट पेश करने के लिए अतिरिक्त समय
मुंबई में बिजली सेवा ठप होने को लेकर राज्य सरकार दवारा नियुक्त जांच समिति को रिपोर्ट पेश करने के लिए 5 नवंबर तक का समय दिया है। शुरुआत में इस समिति को 7 दिन में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था। इसके बाद अब 5 नवंबर तक का समय दिया गया है।

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