Bihar Election 2020 : बिहार में एकनाथ खड़से का मुद्दा गर्माएगा ; विरोधी भाजपा को घेरेंगे

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पटना – 40 वर्षों तक भाजपा के साथ रहे ओबीसी नेता के रूप में पहचान रखने वाले एकनाथ खड़से ने आख़िरकार पार्टी को अलविदा कह दिया है। खड़से आज राष्ट्रवादी कांग्रेस में प्रवेश करेंगे। आने वाले समय में एकनाथ खड़से के राष्ट्रवादी में प्रवेश का राज्य की राजनीति में कितना असर होगा ये देखने को मिलेगा। लेकिन फ़िलहाल बिहार विधानसभा चुनाव में एकनाथ खड़से का भाजपा से जाने का असर दिख रहा है।

बिहार में महायुति खड़से के पार्टी से जाने को भाजपा की ओबीसी विरोधी तस्वीर पेश करने की तैयारी कर रही है। आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि पिछले 6 वर्षों से भाजपा दवारा एकनाथ खड़से को प्रताड़ित किया जा रहा था। इसलिए क्योंकि वह ओबीसी समाज से है। खड़से ने भाजपा के बिहार चुनाव प्रभारी और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर गंभीर आरोप लगाए है । खास बात ये है कि खड़से केवल ओबीसी नेता के रूप में ही नहीं पहचाने जाते थे बल्कि महाजन-मुंडे गुट के खास समर्थक थे। महाजन-मुंडे की जोड़ी ने महाराष्ट्र में भाजपा को बड़ी ताकत दी थी।

एकनाथ खड़से दवारा भाजपा को राम-राम कहे जाने के बाद अब बिहार में विरोधी दल इस मुद्दे को ज़ोरशोर से उठाएगी। भाजपा में पिछड़े वर्ग का सम्मान नहीं किया जाता है और पुराने नेताओं के प्रति आदर का भाव नहीं है। इस तरह का प्रचार भाजपा के खिलाफ किया जाएगा। जिन्होंने तकलीफ सहकर भाजपा को बड़ा किया पार्टी ने उन्हें किनारे कर दिया। इसके जरिये बिहार के पुराने नेताओं और समर्थकों को पास लाने का प्रयास किया जा सकता है। यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा, कृति आजाद शामिल है जिन्होंने पार्टी छोड़ दी है।

वही भाजपा का कहना है कि एकनाथ खड़से के जाने का बिहार चुनाव में ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। विरोधियों के पास कोई मुद्दा नहीं है ।

विरोधी पार्टी नेता के रूप में शानदार काम
एकनाथ खड़से ने विधानसभा में विरोधी पार्टी नेता के रूप में अच्छा काम किया है। अध्यनशील और लोगों के मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाकर उन्होंने कई बार विधानसभा में सरकार को घेरा है। आंकड़े और सबूतों के साथ वह सरकार के मंत्रियों पर टूट पड़ते थे । एक बार नागपुर अधिवेशन में वैट के मुद्दे पर चर्चा करते हुए उन्होंने साढ़े 8 घंटे भाषण दिया था। इस भाषण को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने उनका सम्मान किया था।

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