जितेंद्र गुप्ता की ‘रोडमैप फॉर इंटरप्रिनर’ पुस्तक का विमोचन

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पिंपरी। देश में नये उद्यमियों का हौसला बढ़ाने के लिए ब्रिज आयुरिस फाउंडेशन के प्रमुख जितेंद्र गुप्ता द्धारा लिखित किताब ‘रोडमैप फॉर इंटरप्रिनर’ का विमोचन पिंपरी चिंचवड शहर के जाने माने उद्योगपति व भारत विकास ग्रुप के प्रबंध निदेशक हनुमंत गायकवाड के हाथों किया गया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, जीवन में जो भी कुछ करो, वह सर्वोत्म करो। कोई भी व्यवसाय कुशल कौशल, गुणवत्ता से परिपूर्ण, टिकाऊ पर आधारित होता है। हमारे अंदर जिद, साहस, काम करने का हौसला, कठोर परिश्रम करने का जज्बा हो तो सपना साकार अवश्य होता है।
इस समारोह के मंच पर विश्व श्रीराम सेना के अध्यक्ष एवं उद्योगपति लालबाबू गुप्ता, विक्रम भुजबलराव (युवर सारथी के संस्थापक निदेशक), दीपक प्रभात (सुपर फास्ट ऑर्थर के संस्थापक), कैलाश पिंजाणी (प्रशिक्षक और लेखक), वत्सांक प्रजापति (परमानंद कॉलेज ऑफ फायर इंजिनियरिंग अँण्ड सेफ्टी मॅनेजमेंट के कार्यकारी निदेशक), गौरव कुमार (रिओटस एच आर सोल्युशन के मुखिया) समेत कई मान्यवर उपस्थित थे। यह कार्यक्रम आकुर्डी के ग्रैंड एक्सोटिका होटल में आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में नई पीढ़ी के युवकों ने भारी संख्या में हिस्सा लिया ।
पुस्तक के लेखक जितेंद्र गुप्ता ने कहा, एक उद्यमी बनने के लिए क्या तैयारी करना चाहिए और उद्योग चलाने के दौरान कौन सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, इसका विश्लेषण इस किताब में किया गया है। आने वाली पीढ़ी और युवाओं का नौकरियों से ज्यादा उद्योग में दिलचस्पी दिखाई दे रही है लेकिन उन्हें उचित मार्गदर्शन नहीं मिलता और उनका सपना अधूरा रह जाता है। इस किताब में गुप्ता ने अपने उद्यमी बनने का सफ़र और अनुभव इस किताब में सविस्तार उतारकर देश की भावी पीढी को उद्योग क्षेत्र में आने के लिए प्रेरित और मार्गदर्शन देने का एक छोटा सा प्रयास किया है।
जितेंद्र गुप्ता का मानना है कि उद्योग क्षेत्र में कुछ नया सीखने की दिलचस्पी और उत्तम कौशल जरुरी होता है। योग्य मार्गदर्शन लेकर कोई भी उद्योग सही तरीके से शुरु किया जाए गो वो अनंत काल तक टिका रहता है। यह रोडमैप फॉर इंटरप्रिनर किताब निश्चित रुप से भावी पीढ़ी के लिए उद्योग क्षेत्र में गुुरुवर की भूमिका निभाएगी। उद्योग सिर्फ में प्रॉफिट को ध्यान में रखकर शुरु नहीं करना चाहिए बल्कि उसे कैसे बड़ा बनाया जाए इस ओर निरंतर प्रयासरत रहना चहिए।
विश्व श्रीराम सामाजिक संघटना के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालबाबू गुप्ता ने अपने मनोगत में कहा कि अगर मेहनत और जज्बा हो तो कोई चीज असंभव नहीं है। व्यवसाय क्षेत्र में जिद हो और हार सहने की क्षमता हो तो हम सफलता की बुलंदियों को चूम सकते है। वर्षों पहले महाराष्ट्र की धरती पर जितेंद्र गुप्ता अपनी मेहनत और कठिनाईयों की दरिया को पार करते हुए आज अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कुशल, सफल बिजनेस मैन है। व्यवसाय उस छोटे पौधे की तरह होता है जिसे लगाया जाता है, परिश्रम रुपी खाद, पानी से सींचकर बडा किया जाता है। जितेंद्र गुप्ता ने ऐसे ही छोटे पौधे को सालों पहले लगाया जो आज कल्पवृक्ष बन चुका है। इस सफर में उनको क्या क्या परेशानियां,दिक्कतें आयी वे अपनी जीवन के अनुभवों को इस किताब के माध्यम से प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।
उद्योगपति बनने की इच्छाशक्ति रखने वाले युवाओं को इस किताब को जरुर पढना चाहिए। अपने उद्यमी बनने के जीवन के अनुभवों को बताते हुए कहा कि 30 साल पहले महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवड शहर को कर्मभूमि के रुप में चुना था। उस समय यह शहर विकसित नहीं था। एक छोटे से हाथगाडी में वडापाव,चाय बेचने से व्यवसाय शुरु किया। धीरे धीरे आगे बढे और फार्मा कंपनी, स्क्रैप कंपनी, मीडिया तक का सफर तय किया। घर के बच्चों, महिलाओं को भी बिजनेस के दांवपेंच कलाओं को सीखाना चाहिए, प्रेरित करना चाहिए ताकि यह परंपरा कायम रहे। अगर हमारे अंदर जिद, लगन, साहस हो तो फर्श से अर्श तक पहुंचा जा सकता है।
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