पिंपरी : पुलिसनामा ऑनलाइन – आरटीआई (सूचना अधिकार) में दुरुस्ती के नाम पर लोकशाही की आवाज दबाने की कोशिश केंद्र सरकार द्वारा की जा रही है। दुरुस्ती के उस विधेयक को मंजूरी न दी जाय, इस मांग के साथ ही ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर पर मतदान प्रक्रिया शुरू करने की मांग पिंपरी चिंचवड ईवीएम हटाओ औऱ आरटीआई बचाओ जनआंदोलन समिति की ओर से की गई। इस मांग के लिए गुरुवार को पिंपरी चौक स्थित डॉ बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक के पास प्रदर्शन व आंदोलन किया गया।
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इस आंदोलन में जनआंदोलन समिति के मुख्य समन्वयक मारुती भापकर, कांग्रेस के शहराध्यक्ष सचिन साठे, मनसे के शहराध्यक्ष सचिन चिखले, भारतीय मायनॉरिटीज सुरक्षा महासंघ के मारुती कदम, संतोष कदम, सामाजिक कार्यकर्ता मानव कांबले, विजया बेंगले, पार्वती कांबले, पूनम मानकर, रेश्मा डोगरा, संतोष कांबले, अमीन शेख, आशा गायकवाड, सिद्धू सिंग, सुषमा सोनवणे, सतीश कदम, अरुण थोपटे, अरुण बकाल, हरिश्चंद्र तोडकर, प्रताप गुरव, विशाल जाधव आदि शामिल हुए।
इस आंदोलन में ईवीएम हटाओ और आरटीआई बचाओ का नारा बुलंद किया गया। इस आंदोलन के जरिए केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग की कड़ी निंदा की गई। लोगों को ईवीएम पर शक है, हुए मतदान और मशीन में गिने गए मतदान के आंकड़ों में अंतर नजर आ रहा है। इसके बावजूद निर्वाचन आयोग भाजपा के साथ हाथ मिलाकर ईवीएम पर बंदी लाने के पक्ष में नजर नहीं आता। लोगों का संदेह दूर करने के लिए महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव बैलेट पेपर से कराने और सूचना अधिकार में दुरुस्ती के नाम पर किये जा रहे बदलाव रद्द करने की मांग की गई।
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