हाउसिंग प्रोजेक्ट में देरी की जिम्मेदारी डेवलपर्स की, परमिशन में हुई देरी का हवाला खारिज

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मुंबई, 5 नवंबर – मनपा की पॉलिसी बदली या आवश्यक परमिशन नहीं मिलने से हाउसिंग प्रोजेक्ट के कार्य के अटकने को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले डेवलपर्स को इस क्षेत्र का पूरा ज्ञान और संभावित खतरे की जानकारी होती है। ऐसे में प्रोजेक्ट में लापरवाही का असर घर खरीदने वालों के ऊपर डालना सही नहीं है। महरेरा ने अपने एक आदेश में यह साफ किया है। ऐसे में घर पर कब्ज़ा नहीं मिल रहा है तब तक निवेशक दवारा जमा की गई रकम ब्याज सहित वापस करने का आदेश डेवलपर्स को दिया गया है।

फईम काजी ने अंधेरी के विजन हाइट प्रोजेक्ट के घर के लिए अप्रैल 2014 में रजिस्ट्रशन कराया था। इसके लिए उन्होंने 67 लाख 52 हज़ार रुपए अदा किये थे। करार के अनुसार 31 दिसंबर 2018 तक घर देने की बात हुई थी। लेकिन जब तय तारीख पर घर नहीं मिला तो उन्होंने महरेरा का दरवाजा खटखटाया। डेवलपर्स की तरफ से तर्क दिया गया कि प्रोजेक्ट के लिए 2010 में आईओडी मिला। लेकिन एफएसआई की पॉलिसी बदलने की वजह से बिल्डिंग का रूप बदलना पड़ा। इसके बाद 33 मंजिली बिल्डिंग का अंतिम चार मंजिल की परमिशन एयरपोर्ट अथॉरिटी के एनओसी की वजह से अटक गया। वह एनओसी 2019 में मिला। मुंबई मनपा ने नया एक्शन प्लान 2018 में मंजूर किये जाने के बाद प्रोजेक्ट के कुछ घर फ्री में देने का सख्ती की।

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