लद्दाख में स्थिति ‘गलवान’ से भी गंभीर, तनीं दोनों ओर से तोपें

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नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम – पैंगोंग त्सो झील इलाके में चीनी घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करने के बाद भारत ने भी चीन के मुकाबले सैनिकों और हथियारों की तैनाती बढ़ा दी है। दूसरी तरफ, भारतीय सेना के मनोबल को तोड़ने के लिए चीनी सेना भारी भरकम हथियार दिखा रही है, जिससे चुशुल क्षेत्र में स्थिति बहुत तनावपूर्ण है। दोनों सेनाएं हथियार बल के साथ शक्ति प्रदर्शन कर रही हैं। लद्दाख में 1597 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ किसी भी चीनी आक्रमण का मुंहतोड़ जवाब देने और उसकी घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने के लिए भारतीय सेना पूरी ताकत के साथ मौजूद है।

सूत्रों ने बताया कि हाल ही में एक स्पेशल ऑपरेशन बटालियन को इलाके में भेजा गया था। 29-30 अगस्त की दरम्यानी रात चीन की नापाक हरकत के बीच इस बटालियन ने ऊंचे इलाकों को अपने कब्जे में ले लिया, जहां से चीनी सैनिक कुछ सौ मीटर ही दूर थे। एक वरिष्ठ सैन्य कमांडर ने कहा कि स्थिति विकट है और फिलहाल, दोनों देशों के बीच तनाव कम होता नहीं दिख रहा है।
दोनों देशों के बीच पहली बार गलवान घाटी में 15 जून को एक हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन ने उसके हताहत हुए सैनिकों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी, लेकिन अमेरिका खुफिया रिपोर्ट के अनुसार उसके 35 सैनिक हताहत हुए थे। भारत और चीन ने पिछले ढाई महीने में कई स्त्तर की सैन्य और राजनयिक बातचीत की है, लेकिन पूर्वी लद्दाख मामले पर कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है।

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