फ्रांस की आग देश में पहुंची, सड़कों पर उतरे हजारों मुसलमान

0

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम – फ्रांस में इस्लामिक कट्टरवादियों के खिलाफ की जा रही सख्त कार्रवाई की लहर अब दुनिया को अपने आगोश में लेती जा रही है। रूसी मूल के 18 साल के मुस्लिम किशोर द्वारा फ्रांस के स्कूल शिक्षक सेम्युअल पेटी की हत्या ने एक अंतर्राष्ट्रीय विवाद को जन्म दे दिया है। अनेक मुस्लिम देशों ने फ्रांस के उत्पादों का बहिष्कार करना प्रारंभ कर दिया है। इसके साथ ही अनेक मुस्लिम देशों ने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया है। पाकिस्तान, बांग्लादेश समेत कई मुस्लिम देशों में विरोध प्रकट करने के लिए लोग सड़कों पर भी उतरे। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में तो मंगलवार को विरोध प्रदर्शन में सड़कों पर जनसैलाब उमड़ पड़ा।

शुक्रवार को देश में भी लोग सड़कों पर उतर आए। भोपाल में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की अगुवाई में शुक्रवार को प्रदर्शन किया गया। मुंबई में भी सड़कों पर उतरे मुसलमान। इस दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। मुंबई के मुस्लिम बहुल भिंडी बाजार इलाके में सड़कों पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रां के फोटो वाले पोस्टर्स चिपका दिए गए। लोग उन पोस्टर्स के ऊपर से चलते हुए गुजर रहे थे। यूपी के अलीगढ़ में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों ने मैक्रां के खिलाफ प्रदर्शन किया। साथ ही सड़कों पर फ्रांस के खिलाफ जुलूस निकाला।बरेली में दरगाह आला हज़रत से सैकड़ों लोग बिना मास्क लगाए और सामाजिक दूरी अपनाए सड़कों पर निकले, इस दौरान मैक्रां के खिलाफ बयानबाजी करते हुए फ्रांस का झंडा जलाया गया।
यह है अंदर की पूरी बात : फ्रांस के स्कूल शिक्षक सेम्युअल पेटी अपनी कक्षा में अभिव्यक्ति की आजादी का महत्व समझा रहे थे और अपने तर्कों के समर्थन में उन्होंने ‘शार्ली हेब्दो’ में प्रकाशित कार्टून बच्चों को दिखाए। इसके पहले उन्होंने कक्षा के मुस्लिम विद्यार्थियों से कहा कि अगर वे चाहें तो क्लास से बाहर जा सकते हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि शार्ली हेब्दो के कार्टूनिस्टों की 2015 में हुई हत्या का मुकदमा अदालत में प्रारंभ होने वाला है। इस संदर्भ में यह जिक्र करना भी उचित होगा कि शार्ली हेब्दो ने पैगम्बर का उपहास करने वाले कार्टूनों का पुनर्प्रकाशन किया था। ये कार्टून इस्लाम और पैगम्बर मोहम्मद को आतंकवाद से जोड़ते हैं। इन कार्टूनों की पृष्ठभूमि में 9/11 का आतंकी हमला है, जिसके बाद अमरीकी मीडिया ने ‘इस्लामिक आतंकवाद’ शब्द गढ़ा और यह शब्द जल्दी ही काफी प्रचलित हो गया। शार्ली हेब्दो में इन कार्टूनों के प्रकाशन के बाद पत्रिका के कार्यालय पर हमला हुआ, जिसमें उसके 12 कार्टूनिस्ट मारे गए। इस हिंसक हमले की जिम्मेदारी अलकायदा ने ली थी।

You might also like
Leave a comment