30 हज़ार कर्मचारियों के लिए स्पेशल वॉलेंट्री रिटारमेंट स्कीम

0

उरण, 19 नवंबर – केंद्र सरकार ने बंदरगाहों के निजीकरण के लिए पहला कदम उठाया है। देश की 11 सरकारी बंदरगाहों के करीब 30 हज़ार कर्मचारियों को स्पेशल वॉलेंट्री रिटारमेंट योजना लागू की गई है। इनमे जेएनपीटी के 1473 कर्मचारी भी शामिल है। इसके लिए केंद्र सरकार के सचिव राजीव नयन ने 12 नवंबर 2020 को देश के सरकारी बंदरगाहों के लिए सर्कुलर जारी किया है।

बंदरगाह में स्थाई रूप से 10 वर्ष और 40 वर्ष उम्र सीमा से काम करने वाले कर्मचारियों को इस योजना का पात्र माना गया है। इस योजना का लाभ लेने वाले कर्मचारियों के वारिसों को नौकरी देना बंदरगाहों के लिए अनिवार्य नहीं है। यह योजना 6 महीने के लिए है। इस योजना का लाभ लेने वाले कर्मचारियों के लिए तीन महीने पहले नोटिस देना अनिवार्य है। साथ ही निजी बंदरगाह अथवा कंपनियों को छोड़कर एसवीआरएस लेने वाले कर्मचारियों को सरकारी बंदरगाह पर नौकरी नहीं मिलेगी। 10 वर्ष, 30 वर्ष तक काम कर चुके कर्मचारियों के लिए विभिन्न प्रकार के आर्थिक लाभ दिया जाएगा।

इस ऐच्छिक एसवीआरएस के तहत 30 वर्ष काम कर चुके कामगारों को अधिक फायदा होगा। लेकिन 30 साल से कम काम करने वाले कामगारों के लिए एसवीआरएस आर्थिक नुकसान वाला साबित होने की बात कही जा रही है।

देश के 11 बंदरगाह के कर्मचारी शामिल
देश में 11 सरकारी बंदरगाह है। इनमें कोलकाता में 3772, पैरादीप 758, विशाखापट्नम 3150, चेन्नई 3953, वी ओ चिंदमबरण 691, कोचीन 1394, न्यू मंगलोर 602, मोरमुगांव 1513, मुंबई 6430, जेएनपीटी 1473, दीनदयाल 2203 में कुल 25939 कर्मचारी है।

You might also like
Leave a comment