महाराष्ट्र सरकार का फैसला…आदिवासी छात्रों को इस वर्ष इंग्लिश मीडियम स्कूलों में नहीं मिलेगा दाखिला

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मुंबई : पोलिसनामा ऑनलाइन – महाराष्ट्र के आदिवासी कल्याण विभाग ने कोरोनो वायरस महामारी के मद्देनजर आर्थिक उपायों के तहत इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पहली कक्षा में आदिवासी छात्रों के एडमिशन पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है। एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आदिवासी कल्याण मंत्री ने कहा कि आदिवासी छात्रों के इंग्लिश मीडियम स्कूलों की कक्षा 1 में प्रवेश पर रोक संबंधी सरकार का फैसला अस्थायी है। हालात ठीक होने पर सरकार यह फैसला वापस ले लेगी। उन्होंने कहा, ‘जिन स्टूडेंट्स ने इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पहली कक्षा में प्रवेश के लिए आवेदन किया है, उन्हें आदिवासी कल्याण विभाग से संबंद्ध (एफिलिएटेड) इंग्लिश व सेमी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में दाखिला दिया जाएगा।’

इसी क्रम में यह भी बता दें कि महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों के आदिवासी छात्रों के लिए बेहतर शैक्षणिक अवसर सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पहली कक्षा में आदिवासी छात्रों के प्रवेश का अहम निर्णय लिया था। इसी योजना के तहत आदिवासी छात्रों को पहली कक्षा में प्रतिष्ठित इंग्लिश मीडियम स्कूलों में दाखिला मिलता है और 12वीं कक्षा तक उनकी शिक्षा का खर्चा राज्य सरकार ही उठाती है। आदिवासी विकास विभाग 502 आश्रम शालाएं चलाता है, जहां आदिवासी बच्चे महाराष्ट्र राज्य शिक्षा बोर्ड के निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार मराठी माध्यम में शिक्षा हासिल करते हैं। मंत्री ने कहा कि कक्षा दूसरी से 12वीं में पहले से पढ़ रहे 50,269 आदिवासी छात्रों की पढ़ाई को कोई नुकसान नहीं होगा, जो स्टूडेंट्स पहले से पढ़ रहे हैं, उनकी शिक्षा जारी रहेगी।

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