जो कुंभ मेले में हुआ वो आषाढ़ी वारी में न हो: उपमुख्यमंत्री अजित पवार

0

बारामती: कुंभ मेले में जो हुआ वो आषाढी वारी में न हो। इसलेलिए सभी से चर्चा कर इसबार के आषाढी वारी समारोह के बारे में निर्णय लिया। परंपरा चलनी चाहिए, ऐसा हमें भी लगता है लेकिन तीसरी लहर की पूर्वसूचना होने के कारण उसके बारे में सोचना आवश्यक है, ऐसा उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बारामती में मीडिया से बात करते हुए कहा।

कोरोना का कहर न बढे इसके लिए राज्य सरकार ने घोषणा की कि इस वर्ष बही आषाढि पालकी समारोह बस से होगी। राज्य के 10 सम्मानित पालकी समारोह के लिए 60 वारकरियों के साथ 19 जुलाई को पंढरपुर जाने की इजाजत दी गई है। इस पर बारामती में अजित पवार बोल रहे थे।

पवार ने आगे कहा कि राज्य सराकर ने सभी से चर्चा कर पालकी समारोह के बारे में निर्णय लिया है। हर साल चलनेवाली परंपरा जारी रहनी चाहिए, ऐसा हमे भी लगता है। लेकिन कोरोना की वर्तमान स्थिति को देखते हुए इसके बारे में भी हमे सोचना चाहिए। सभी अधिकारी, पुलिस अधिकारी ने सबसे तालमेल बिठाकर पालकी समारोह के बारे में निर्णॅय लिया है। वाखरी जानेके बाद आगे की विधी के लिए ढील दी गई है।जिस तरह का निर्बंध पिछली बार था उस तरह का निर्बंध इस बार नहीं है। कुंभ मेला में जो हुआ वो आषाढी वारी में न हो, इसके बारे में सावधानी  बरतना जरूरी है। हम वारकरी समाज की भावना का आदर करते हैं। राज्य के स्वास्थ्य की तरह भी ध्यान देना जरूरी है। तीसरी लहर की संभावना होने के कारण सभी बातो के बारे में सोचकर निर्णॅय लेना पड़ता है। इसके बाद भी वारकारी समाज की भावना उग्र होगी तो विभागीय आयुक्तको सूचना देंगे। संबंधित मान्यवर से चर्चा करने को कहेंगे, ऐसा पवार ने कहा।

You might also like
Leave a comment